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तेलंगाना : जाति सर्वेक्षण रपट के फलाफल के मायने

इस रपट में जो बात सबसे चौंकाने वाली है, वह है मुस्लिम ओबीसी की संख्या। किसी को यह अंदाज़ा नहीं था कि 12.56 प्रतिशत मुसलमानों में से केवल 2.48 प्रतिशत ही ओबीसी होने का दावा नहीं करेंगे। मुस्लिम सामान्य जातियों सहित सभी सामान्य जातियों की राज्य की आबादी में हिस्सेदारी प्रतिशत 15.79 है। पढ़ें,...

तेलंगाना : जाति सर्वेक्षण रपट के फलाफल के मायने
इस रपट में जो बात सबसे चौंकाने वाली है, वह है मुस्लिम ओबीसी की संख्या। किसी को यह अंदाज़ा नहीं था कि 12.56 प्रतिशत...
धार्मिक राष्ट्रवाद के बढ़ते खतरे का निहितार्थ
प्यू रिसर्च सेंटर के सर्वेक्षण के मुताबिक अलग-अलग देशों में धार्मिक राष्ट्रवाद का स्तर अलग-अलग तरीके से बढ़ रहा है। कुछ देशों में इसका...
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन : अब भी शांति, सुरक्षा और स्थिरता की उम्मीदें धुंधली
मणिपुर में कुकी जनजाति व मैतेई समुदाय के बीच अविश्वास की खाई काफी बढ़ गई है, जिसे केवल एक ऐसी सरकार द्वारा ही दूर...
संवैधानिक आरक्षण पर आरएसएस का दोमुंहा फन
सदैव ही आरएसएस ने ब्राह्मण वर्चस्व को हिंदुत्व के आवरण में आगे बढ़ाया और दलित-पिछड़ों के लिए संविधान प्रदत्त विशेष अधिकारों का विरोध किया।...
जानिए, महाकुंभ में भगदड़ के बाद गुम हुईं औरतों की पीड़ा
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बीते 29 जनवरी को मची भगदड़ में अनेक लोगों की जान गई। राज्य सरकार के मुताबिक 7500 से अधिक...
सवर्ण व्यामोह में फंसा वाम इतिहास बोध
जाति के प्रश्न को नहीं स्वीकारने के कारण उत्पीड़ितों की पहचान और उनके संघर्षों की उपेक्षा होती है, इतिहास को देखने से लेकर वर्तमान...
त्यौहारों को लेकर असमंजस में क्यों रहते हैं नवबौद्ध?
नवबौद्धों में असमंजस की एक वजह यह भी है कि बौद्ध धर्मावलंबी होने के बावजूद वे जातियों और उपजातियों में बंटे हैं। एक वजह...
संवाद : इस्लाम, आदिवासियत व हिंदुत्व
आदिवासी इलाकों में भी, जो लोग अपनी ज़मीन और संसाधनों की रक्षा के लिए लड़ते हैं, उन्हें आतंकवाद विरोधी क़ानूनों के तहत गिरफ्तार किया...
ब्राह्मण-ग्रंथों का अंत्यपरीक्षण (संदर्भ : श्रमणत्व और संन्यास, अंतिम भाग)
तिकड़ी में शामिल करने के बावजूद शिव को देवलोक में नहीं बसाया गया। वैसे भी जब एक शूद्र गांव के भीतर नहीं बस सकता...
ब्राह्मणवादी वर्चस्ववाद के खिलाफ था तमिलनाडु में हिंदी विरोध
जस्टिस पार्टी और फिर पेरियार ने, वहां ब्राह्मणवाद की पूरी तरह घेरेबंदी कर दी थी। वस्तुत: राजभाषा और राष्ट्रवाद जैसे नारे तो महज ब्राह्मणवाद...
स्वतंत्र भारत में पिछड़ा वर्ग के संघर्ष को बयां करती आत्मकथा
ब्राह्मण या ऊंची जातियों के जैसे अपनी जाति को श्रेष्ठ बताने की अनावश्यक कोशिशों को छोड़ दें तो हरिनारायण ठाकुर की यह कृति स्वतंत्र...
दलित साहित्य में समालोचना विधा को बहुत आगे जाना चाहिए : बी.आर. विप्लवी
कोई कुछ भी लिख रहा है तो उसका नाम दलित साहित्य दे दे रहा है। हर साहित्य का एक पैरामीटर होता है। दलित साहित्य...
जब मैंने ठान लिया कि जहां अपमान मिले, वहां जाना ही नहीं है : बी.आर. विप्लवी
“किसी के यहां बच्चे की पैदाइश होती थी तो वहां नर्सिंग का काम हमारे घर की औरतें करती थीं। बच्चा पैदा कराना तथा जच्चा...
पेरियार पर केंद्रित एक अलग छाप छोड़नेवाली पुस्तक
यह किताब वस्तुनिष्ठ स्वरूप में पेरियार के जीवन दर्शन के वृहतर आयाम के कई अनछुए सवालों को दर्ज करती है। पढ़ें, अरुण नारायण की...
साहित्य का आकलन लिखे के आधार पर हो, इसमें गतिरोध कहां है : कर्मेंदु शिशिर
‘लेखक के लिखे से आप उसकी जाति, धर्म या रंग-रूप तक जरूर जा सकते हैं। अगर धूर्ततापूर्ण लेखन होगा तो पकड़ में आ जायेगा।...
रैदास: मध्यकालीन सामंती युग के आधुनिक क्रांतिकारी चिंतक
रैदास के आधुनिक क्रांतिकारी चिंतन-लेखन को वैश्विक और देश के फलक पर व्यापक स्वीकृति क्यों नहीं मिली? सच तो यह कि उनकी आधुनिक चिंतन...
जब नौजवान जगदेव प्रसाद ने जमींदार के हाथी को खदेड़ दिया
अंग्रेज किसानाें को तीनकठिया प्रथा के तहत एक बीघे यानी बीस कट्ठे में तीन कट्ठे में नील की खेती करने के लिए मजबूर करते...
डॉ. आंबेडकर : भारतीय उपमहाद्वीप के क्रांतिकारी कायांतरण के प्रस्तावक-प्रणेता
आंबेडकर के लिए बुद्ध धम्म भारतीय उपमहाद्वीप में सामाजिक लोकतंत्र कायम करने का एक सबसे बड़ा साधन था। वे बुद्ध धम्म को असमानतावादी, पितृसत्तावादी...
डॉ. आंबेडकर की विदेश यात्राओं से संबंधित अनदेखे दस्तावेज, जिनमें से कुछ आधारहीन दावों की पोल खोलते हैं
डॉ. आंबेडकर की ऐसी प्रभावी और प्रमाणिक जीवनी अब भी लिखी जानी बाकी है, जो केवल ठोस और सत्यापन-योग्य तथ्यों – न कि सुनी-सुनाई...
व्यक्ति-स्वातंत्र्य के भारतीय संवाहक डॉ. आंबेडकर
ईश्वर के प्रति इतनी श्रद्धा उड़ेलने के बाद भी यहां परिवर्तन नहीं होता, बल्कि सनातनता पर ज्यादा बल देने की परंपरा पुष्ट होती जाती...