हिंदी प्रदेशों में बड़े पैमाने पर सांस्कृतिक पिछड़ापन है। यहां पर फासीवादी राजनीति ने अपना गढ़ बना लिया है। इसलिए किसी भी सामाजिक परिवर्तन के लिए एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण की ज़रूरत है। निश्चित रूप से इसके लिए बुद्ध सबसे अधिक प्रेरक व्यक्तित्व हैं। पढ़ें, यह खबर