समता, स्वतंत्रता और न्याय के संघर्ष में संत तुकाराम, बासवन्ना, गुरु नानक, सामाजिक क्रांतिधर्मी जोतीराव फुले और डॉ. आंबेडकर का चिंतन भारत के संविधान में निहित है। यही बात राहुल गांधी ने बीते 19 अक्टूबर को झारखंड की राजधानी रांची के संविधान सम्मान सम्मेलन में दोहराई। बता रहे हैं डॉ. रविकांत