h n

बसपा सुप्रीमो : एक दलित कवि के तीखे सवाल

बसपा प्रमुख मायावती को अपनी चुनौतियों को पहचानना होगा और अपनी शक्तियों को रेखांकित करना होगा। जनता से अपनी व्यापक नीतियों के बारे में चर्चा कर व्यापक बहुजन समाज का समर्थन हासिल करना होगा। तभी वे बहुजन समाज के हित में कुछ नये अध्याय जोड़ पाएंगी। इस सलाह के साथ बसपा सुप्रीमो से तीखे सवाल भी कर रहे हैं दलित कवि सुरेश चन्द :

बहुजन समाज पार्टी प्रमुख व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने अपने हालिया बयान में कहा है कि सहारनपुर के दंगों के आरोपी की न तो वह बुआ हैं और न ही उनसे उनका कोई खून का रिश्ता है। उनका यह बयान युवा दलित नेता भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण के संबंध में आया है। मायावती का यह बयान उसी तरह का है जब कभी महात्मा गाँधी ने सरदार भगत सिंह के बारे में कहा था कि हिंसा के दोषी भगत सिंह से उनका कुछ भी लेना देना नहीं है।  बहन मायावती का यह बयान करोड़ो दलितों को मर्माहत करने वाला है। इस देश के करोड़ों बहुजन जानते हैं कि सहारनपुर दंगों में फूलन देवी का हत्यारा शेर सिंह राणा के सहयोग से मनुवादी गुंडों ने मिलकर न केवल दलितों के घर जला डाले बल्कि तलवारों से उनकी बहू-बेटियों पर भी प्रहार कर लहूलुहान कर डाले। यह सब पुलिस के संरक्षण में हुआ था। खुद बहन मायावती उन पीड़ितों से मिलने गयी थीं। उन्होने उन्हें आर्थिक सहायता की भी घोषणा की थी। इन दंगों के विरोध में जब एक नौजवान प्रतिरोध करता है तो उसे साजिशन रासुका में बंद कर दिया जाता है तथा उस पर देशद्रोह का मुक़दमा चलाया जाता है। यह सब एक राजनीतिक रणनीति के तहत होता है और फिर 2019 के चुनाव के करीब होते ही उसे छोड़ दिया जाता है। इस देश के करोड़ों बहुजन जानते हैं कि नरेन्द्र दाभोलकर, एम्. एम्. कलबुर्गी से लेकर गौरी लंकेश की हत्याओं के पीछे किन लोगों के हाथ हैं। वे कौन लोग हैं जो गौ-हत्या के नाम पर निर्दोष लोगों पर भीड़ बनकर टूट पड़ते हैं तथा पीट-पीट कर उसे मार डालते हैं।

पूरा आर्टिकल यहां पढें बसपा सुप्रीमो : एक दलित कवि के तीखे सवाल

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

लेखक के बारे में

सुरेश चन्द

दलित साहित्य एवं संस्कृति मंच, गोरखपुर के अध्यक्ष सुरेश चंद चर्चित कवि व लेखक हैं। संपर्क : (मोबाइल) +919451519473

संबंधित आलेख

डायन प्रथा के उन्मूलन के लिए बहुआयामी प्रयास आवश्यक
आज एक ऐसे व्यापक केंद्रीय कानून की जरूरत है, जो डायन प्रथा को अपराध घोषित करे और दोषियों को कड़ी सज़ा मिलना सुनिश्चित करे।...
राहुल गांधी का सच कहने का साहस और कांग्रेस की भावी राजनीति
भारत जैसे देश में, जहां का समाज दोहरेपन को अपना धर्म समझता है और राजनीति जहां झूठ का पर्याय बन चली हो, सुबह बयान...
‘सामाजिक न्याय की जमीनी दास्तान’ नई किताब के साथ विश्व पुस्तक मेले में मौजूद रहेगा फारवर्ड प्रेस
हमारी नई किताब ‘सामाजिक न्याय की जमीनी दास्तान : इतिहास का पुनरावलोकन’ पुस्तक मेले में बिक्री के लिए उपलब्ध होगी। यह किताब देश के...
छत्तीसगढ़ में दलित ईसाई को दफनाने का सवाल : ‘हिंदू’ आदिवासियों के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट
मृतक के परिजनों को ईसाई होने के कारण धार्मिक भेदभाव और गांव में सामाजिक तथा आर्थिक बहिष्कार का सामना करना पड़ रहा है। जबकि...
भागवत के भाषण के मायने : आरएसएस-भाजपा को संविधान मंजूर नहीं
भारत को असली स्वतंत्रता राममंदिर के उद्घाटन के दिन मिली, यह कहने से ऐसा लगता है कि मोहन भागवत चाहते हैं कि रामराज की...