देश के सबसे बड़े रेडलाइट एरिया कोलकाता के सोनागाछी इलाके और दुर्गा पूजा का एक खास रिश्ता है। खास रिश्ता इस मायने में कि दुर्गा की मूर्ति का निर्माण यौनकर्मियों के आंगन से लाई गई मिट्टी से किया जाता है, क्योंकि यह मिट्टी दुर्गा पूजा के लिए शुभ मानी जाती है।
मगर पिछले कुछ सालों से सेक्स वर्कर्स अपने आंगन की मिट्टी दुर्गा की मूर्ति बनाने के लिए देने से साफ इंकार कर रहे हैं और बंगाल के प्रमुख त्योहारों में शुमार दुर्गा पूजा अलग से आयोजित कर रहे हैं। सेक्स वर्कर्स द्वारा दुर्गा प्रतिमा के लिए मिट्टी न देने का कारण भी दुर्गा पूजा ही है, क्योंकि जिस दुर्गा पूजा के लिए उनके आंगन से मिट्टी और उनसे हजारों-लाखों रुपए चंदा वसूला जाता है, उसी में उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया जाता है। उनके साथ ऐसे सलूक किया जाता है जैसे पंडाल में उनके प्रवेश मात्र से दुर्गा अपवित्र हो जाएंगी।
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