बीते 6 दिसंबर 2018 को बाबा साहेब के महापरिनिर्वाण दिवस पर भारतीय रेलवे की ओर से एक विशेष रेलगाड़ी समानता एक्सप्रेस चलाने की घोषणा की गई है। पहले इस विशेष पर्यटक रेलगाड़ी को डॉ. आंबेडकर की जयंती 14 अप्रैल 2019 से शुरू करने की बात कही गई थी। परंतु चुनावी तारीख और आचार संहिता के झमेले को देखते हुए अब तारीख को बदलकर 28 मार्च कर दिया गया है। इसके लिए बुकिंग शुरू हो गई है। भारतीय रेल के उपक्रम इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) के वेबपोर्टल पर जाकर यात्री बुकिंग करा सकते हैं। यात्री चाहें तो देशभर में इसके काउंटरों से सीधे बुकिंग भी करा सकते हैं।
‘पैलेस ऑन व्हील्स’ के तर्ज पर महापरिनिर्वाण एक्सप्रेस
वहीं बीते 8 दिसंबर से बुद्ध सर्किट स्पेशल ट्रेन “महापरिनिर्वाण एक्सप्रेस” 70 यात्रियों को लेकर दिल्ली से रवाना की गई। इसमें 65 प्रतिशत से अधिक विदेशी सैलानी हैं। ये ट्रेन पहले दिन दिल्ली से रवाना होकर दूसरे दिन बोधगया (ज्ञानोदय का शहर) पहुंचेगी, तीसरे दिन नालंदा रायगीर, चौथे दिन वाराणसी के सारनाथ (पहला उपदेश), पांचवें दिन लुंबिनी, छठे दिन गोरखपुर के कुशीनगर (निर्वाण), सातवें दिन सावस्ती (जन्मस्थल) और आठवें दिन आगरा (ताजमहल) होते हुए दिल्ली वापिस आ जाएगी। ‘पैलेस ऑन व्हील्स’ की तर्ज पर बुद्धा सर्किट ट्रेन फाइवस्टार होटल की सी फील देती हुई विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस है। एक डायनिंग टेबल पर एक साथ 64 यात्री भोजन कर सकते हैं, जहां अंतर्राष्ट्रीय व्यंजन का विकल्प भी मौजूद है। यात्रियों की सहूलियत के लिए हर कोच में पैरों का मसाज करने वाली मशीन की व्यवस्था है। इस ट्रेन में एसी फर्स्ट क्लास ट्रेन का किराया 85 हजार रुपए प्रति यात्री जबकि एसी सेकंड क्लास का किराया 70 हजार रुपया प्रति यात्री है।
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दीक्षा भूमि से होगी समानता एक्सप्रेस की शुरूआत
एक बार फिर बता दें कि रेलवे 28 मार्च से ‘समानता एक्सप्रेस’ चलाएगी। यह रेलगाड़ी कुल 12 दिन की यात्रा में यात्रियों को बाबा साहब के जीवन से जुड़े स्थलों के साथ-साथ भारत और नेपाल स्थित बौद्ध धर्म स्थलों के दर्शन कराएगी। महापरिनिर्वाण एक्सप्रेस की तुलना में इस एक्सप्रेस के टिकट सस्ते रखे गए हैं। यात्रियों को प्रति टिकट 11,340 रुपये का भुगतान करना होगा। इसमें खाना, रहना, घूमना सब शामिल रहेगा।
इन स्थलों पर जाएगी समानता एक्सप्रेस
यह रेलगाड़ी ‘दीक्षाभूमि’ के नाम से मशहूर महाराष्ट्र के नागपुर से चलेगी, जहां आंबेडकर ने अपने लाखों समर्थकों के साथ 14 अक्टूबर 1956 को बौद्ध धर्म स्वीकार किया था। इस यात्रा की योजना आईआरसीटीसी ने तैयार की है। इस विशेष रेलगाड़ी के जरिए यात्री आंबेडकर के जीवन से जुड़े भारत और नेपाल के महत्वपूर्ण बौद्ध स्थलों पर जाएंगे। इनमें मध्य प्रदेश के महू स्थित उनकी जन्मस्थली, मुंबई और अन्य स्थान शामिल हैं। इसके साथ ही बौद्ध धर्म से जुड़े स्थल बोध गया, सारनाथ, कुशीनगर और नेपाल स्थित लुंबिनी भी इस यात्रा पैकेज में शामिल है। इस यात्रा पैकेज में रेल यात्रा, बसों से स्थलों की यात्रा, धर्मशाला में रहने की व्यवस्था और शुद्ध शाकाहारी भोजन शामिल होगा। पहली ट्रेन अगले साल 14 अप्रैल को नागपुर से रवाना होगी। वहीं दूसरी समता एक्सप्रेस नागपुर, दादर, इंदौर, गया, गोरखपुर, वाराणसी के रास्ते चलेगी।
निशाने पर दलित मतदाता
बहरहाल, सियासी गलियारे में इस पर चर्चा शुरू हो गई है कि केंद्र सरकार द्वारा चुनाव के मौके पर इस विशेष रेलगाड़ी शुरू किए जाने के पीछे राजनीतिक चाल है, क्योंकि किसी महापुरुष की जन्मतिथि को खास बनाने के लिए उनकी 25वीं, 50वीं, 75वीं, 100वीं व 125वीं या 150वीं जयंती का इंतज़ार किया जाता है। जबकि तीन वर्ष पहले ही डॉ. अंबेडकर की 125 वी जयंती मनाई गई थी और तब केंद्र सरकार द्वारा कोई उल्लेखनीय पहल नहीं की गई थी। अब उनकी 128वीं जयंती पर समानता एक्सप्रेस चलाई जा रही है। जाहिर तौर पर केंद्र में सत्तासीन भाजपा सरकार दलित मतदाताओं को प्रभावित करना चाहती है।
(कॉपी संपादन : एफपी डेस्क)
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