पटना : राज्य मंत्रिमंडल ने पूर्व विधायकों को बड़ा तोहफा दिया है। पिछले दिनों संसदीय कार्य विभाग के प्रस्ताव को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी। इसके बाद संसदीय कार्य विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। राज्य सरकार ने पूर्व विधायकों के पेंशन में डेढ़ गुनी वृद्धि के साथ ही रेल कूपन में भी ड्योढ़ा की वृद्धि कर दी है।
अधिसूचना के अनुसार, विधान मंडल के सदस्य के रूप में शपथ ग्रहण से लेकर एक साल सदस्य रहने वाले व्यक्ति को प्रतिमाह 35 हजार की पेंशन मिलेगी। पहले यह राशि 25 हजार थी। सरकार ने इस मद में 10 हजार रुपये की वृद्धि की है। इसके बाद प्रति वर्ष के हिसाब से 3 हजार रुपये मिलेंगे। पहले दो हजार मिलते थे। इसे आप ऐसे समझें। मान लीजिये हम विधायक बन गये और एक साल बाद इस्तीफा दे दिये। तो प्रतिमाह 35 हजार रुपये पेंशन के रूप में मिलेंगे। दो साल बाद इस्तीफा दे देते हैं तो 35 हजार के साथ 3 हजार रुपये और जोड़ लीजिये। यानी 38 हजार की पेंशन मिलेगी।
यदि पांच साल तक लगातार विधायक रहते हैं तो 35 हजार के साथ चार साल के एवज में 12 हजार और पेंशन मिलेगी। इसका मतलब हुआ कि एक टर्म पूरा करने वाले विधायक को प्रति माह 47 हजार रुपये पेंशन के रूप में मिलेंगे। इसके बाद हर एक साल के बाद की सदस्यता के एवज में पेंशन में तीन हजार जुटता जाएगा। इसके साथ ही पूर्व विधायकों को पहले प्रति वर्ष एक लाख रुपये का कूपन मिलता था, जिससे वे रेल या हवाई यात्रा कर सकते हैं। अब यह राशि बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपये कर दी गयी है। सरकार ने विधायकों के वेतन व भत्ते में भी वृद्धि की है।
विधायकों को मिलता है कम से कम 1 लाख 60 हजार प्रतिमाह
विधान मंडल को प्रतिमाह कम से कम 1 लाख 60 हजार रुपये वेतन व भत्ते के रूप में मिलते हैं। मुख्यमंत्री या मंत्री को भी विधान मंडल सदस्य के रूप में यह राशि मिलती है। संसदीय कार्य विभाग की जारी अधिसूचना के अनुसार विधान मंडल सदस्यों को बढ़ा हुआ वेतन व भत्ता दिसंबर महीने से मिलने लगा है।
नये वेतनमान के अनुसार, विधान मंडल सदस्य को प्रतिमाह 40 हजार रुपये वेतन के रूप में, 50 हजार रुपये क्षेत्री भत्ता के रूप में और 10 हजार रुपये स्टेशनरी भत्ता के रूप में मिल रहे हैं। तीनों मिलाकर यह राशि कुल एक लाख रुपये होती है। इसके अलावा सदस्यों को प्रतिदिन दो हजार (2000) रुपये का दैनिक भत्ता मिलता है। यानी महीने में 60 हजार रुपये दैनिक भत्ता के रूप में मिलता है। इस प्रकार एक सदस्य को प्रतिमाह न्यूनतम 1 लाख 60 हजार रुपये मिलते हैं।
इसके अलावा जिन सदस्यों को सरकारी आवास नहीं मिलता है, उन्हें 35 हजार रुपये का आवास भत्ता मिलता है। इसमें 28 हजार आवास के लिए और 7 हजार रुपये बिजली बिल के लिए मिलते हैं। इसके लिए कोई किरायानामा या अन्य प्रमाणपत्र देने की जरूरत नहीं पड़ती है।
(कॉपी संपादन -अर्चना)
फारवर्ड प्रेस वेब पोर्टल के अतिरिक्त बहुजन मुद्दों की पुस्तकों का प्रकाशक भी है। एफपी बुक्स के नाम से जारी होने वाली ये किताबें बहुजन (दलित, ओबीसी, आदिवासी, घुमंतु, पसमांदा समुदाय) तबकों के साहित्य, सस्कृति व सामाजिक-राजनीति की व्यापक समस्याओं के साथ-साथ इसके सूक्ष्म पहलुओं को भी गहराई से उजागर करती हैं। एफपी बुक्स की सूची जानने अथवा किताबें मंगवाने के लिए संपर्क करें। मोबाइल : +917827427311, ईमेल : info@forwardmagazine.in
फारवर्ड प्रेस की किताबें किंडल पर प्रिंट की तुलना में सस्ते दामों पर उपलब्ध हैं। कृपया इन लिंकों पर देखें