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‘मोदी जी से मतभेद नहीं, उत्तर प्रदेश नेतृत्व की कार्यप्रणाली नापसंद’  

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनका कोई मतभेद नहीं, लेकिन उत्तर प्रदेश भाजपा नेतृत्व उनकी पार्टी को नजरअंदाज कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ओबीसी के उपवर्गीकरण को हरी झंडी देने का प्रयास करती है तो इसका कड़ा विरोध किया जाएगा

अनुप्रिया पटेल से फ़ारवर्ड प्रेस के लिए कुमार समीर की बातचीत

फारवर्ड प्रेस : पूर्वांचल में प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों से आपने दूरी बनाए रखी। इसकी खास वजह और इसके क्या मायने लगाए जाएं?

अनुप्रिया पटेल :  देखिए, हमारी पार्टी अपना दल (एस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय आशीष पटेल जी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि हमारा माननीय प्रधानमंत्री जी से किसी तरह का मतभेद नहीं है। हमारी नाराजगी की मुख्य वजह भाजपा प्रदेश संगठन और उत्तर प्रदेश सरकार की कार्यशैली को लेकर है। हम केंद्र की एनडीए सरकार से लेकर उत्तर प्रदेश सरकार में सहयोगी दल के तौर पर शामिल हैं। लेकिन आम तौर पर देखा जा रहा है कि आए दिन प्रदेश सरकार और भाजपा का प्रदेश नेतृत्व हमारी पार्टी (अपना दल) को नजरअंदाज कर रहे हैं। हमारे कार्यकर्ताओं को तवज्जो नहीं दी जा रही है। चाहे सरकारी वकीलों की नियुक्ति का मामला हो अथवा विभिन्न बोर्ड, निगम, आयोगों में नियुक्ति का मामला। इन सभी संस्थानों में भाजपा के लोगों की नियुक्तियां हो रही हैं और हमारे लोगों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है। जिसकी वजह से अपनी बात रखने के लिए हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय आशीष पटेल जी को अंतत: मीडिया के सामने आना पड़ा।

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल

फारवर्ड प्रेस : एक बड़ा विरोधाभास ओबीसी के उपवर्गीकरण के सवाल पर सामने आया है। आपने भी सवाल उठाया है। इसकी वजह क्या है?
अनुप्रिया पटेल : देखिए, ओबीसी उपवर्गीकरण का मामला बहुत ही संवेदनशील है। इसके लिए आपको ठोस आधार बताना होगा। वर्ष 1931 के बाद अब तक जातीय जनगणना नहीं हुई। ऐसे में आप किस आधार पर ओबीसी उपवर्गीकरण करेंगे! हम इसके खिलाफ नहीं हैं। लेकिन हमारी मांग है कि पहले जातीय जनगणना पूरी कीजिए। इसके लिए आपको वैज्ञानिक आधार इकट्ठा करना पड़ेगा। वैसे इससे इतर अन्य कई ज्वलंत मुद्दे हैं: सरकारी विभागों में समूह ‘ग’ और ‘घ’ में संविदा और आउटसोर्सिंग के तौर पर बड़े पैमाने पर की जा रही भर्तियां। हमारी पार्टी काफी समय से मांग कर रही है कि सबसे पहले संविदा और आउटसोर्सिंग से हो रही भर्तियों में आरक्षण को तत्काल लागू किया जाए। क्योंकि मंडल कमीशन लागू होने के बाद तेजी से इन विभागों में संविदा और आउटसोर्सिंग के जरिए भर्तियां की जा रही हैं, जिसकी वजह से आरक्षित वर्ग के मेधावी युवक-युवतियों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। इसके अलावा हमारी मांग है कि प्रत्येक जिले में डीएम अथवा एसपी में से कोई एक आरक्षित वर्ग का हो। इसके अलावा जिले के 50 फीसदी थानेदार आरक्षित वर्ग से होने चाहिए।

फारवर्ड प्रेस : यदि भाजपा ओबीसी का उपवर्गीकरण करने संबंधी फैसला करती है तो आप क्या करेंगी?
अनुप्रिया पटेल : हम आपनी मांग पर अड़े रहेंगे। पहले जातीय जनगणना पूरा कीजिए और उपवर्गीकरण के लिए आधार क्या है, उसे बताइए।

फारवर्ड प्रेस :  एनडीए के सहयोगी रहे उपेंद्र कुशवाहा ने इस्तीफा दे दिया है। उनका कहना है कि नरेंद्र मोदी सरकार ओबीसी के खिलाफ काम कर रही है। आप क्या कहेंगी?

अनुप्रिया पटेल :   देखिए, ये लड़ाई लंबी है। आरक्षित वर्ग को अपने अधिकारों को पाने के लिए लंबा संघर्ष करने की जरूरत है। बार-बार आवाज उठाने की जरूरत है। वैसे उपेंद्र कुशवाहा जी के फैसला पर मैं किसी तरह की टिप्पणी नहीं करना चाहती हूं। आप उनसे सवाल कीजिए।

फारवर्ड प्रेस :  हालांकि ओबीसी में उपवर्गीकरण का ओम प्रकाश राजभर भी समर्थन कर रहे हैं और वो तो धमकी दे रहे हैं कि लागू नहीं किया गया तो आंदोलन करेंगे? आपका इस पर क्या कहना व स्टैंड है?
अनुप्रिया पटेल :   राजभर जी क्या करेंगे, यह तो वहीं जानते हैं, मुझे उनकी किसी गतिविधि अथवा कार्य पर टिप्पणी नहीं करनी है। हमने अपना स्टैंड पहले ही आपको बता दिया है। पहले जातीय जनगणना पूरा कीजिए, वर्गीकरण से पहले ठोस आधार बताइए।


फारवर्ड प्रेस : आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी भावी योजना के बारे में बताएं।

अनुप्रिया पटेल : पिछले साल भर से आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर हम लोग बेहद गंभीर हैं। हम लोगों ने पिछले साल जनवरी महीने में आजमगढ़ में मासिक प्रादेशिक बैठक का आयोजन किया था। हम हर महीने लखनऊ से बाहर मंडलीय स्तर पर मासिक बैठक कर रहे हैं और संगठन को मजबूत करने के लिए आवश्यक समीक्षा कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं को आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं।

फारवर्ड प्रेस : आपके दल में भी आंतरिक गुटबंदी तेज हुई है। कहा जा रहा है कि आपने पार्टी के बजाय अपने हितों को प्राथमिकता दी है। इन आरोपों के संबंध में आप क्या कहेंगी?

अनुप्रिया पटेल : ये आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है। हमारी पार्टी में पूरी तरह से एकजुटता है। राज्यसभा चुनाव के दौरान जहां अन्य दलों के विधायकों ने बगावती तेवर अपनाते हुए दूसरे दलों के प्रत्याशियों को वोट दिया, वहीं हमारी पार्टी के विधायकों ने एकजुटता दिखाते हुए भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट दिया। हमारे विधायकों की एकजुटता की वजह से ही भाजपा प्रत्याशी ने जीत का तिलक लगाया।

(कॉपी संपादन : अर्चना)


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लेखक के बारे में

कुमार समीर

कुमार समीर वरिष्ठ पत्रकार हैं। उन्होंने राष्ट्रीय सहारा समेत विभिन्न समाचार पत्रों में काम किया है तथा हिंदी दैनिक 'नेशनल दुनिया' के दिल्ली संस्करण के स्थानीय संपादक रहे हैं

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