आरक्षण क्या है?
हमारे देश में हजारों वर्षों से जनसंख्या के बड़े हिस्से को, व्यक्ति के जन्म के आधार पर शिक्षा से दूर रखा गया। सभी महाप्रतापी सम्राट, जिन्होंने भारतीय उपमहाद्वीप पर राज किया, ‘मनुस्मृति’ की अनुज्ञाओं से बंधे हुए थे। हिंदुओं का न्याय-विधान कही जाने वाली यह पुस्तक शूद्रों के लिए शिक्षा को निषिद्ध बताती है। उस व्यवस्था में गैर-ब्राह्मणों को तरह-तरह से दबाया जाता था। उन्हें न केवल शिक्षा, अपितु प्रतिष्ठित नौकरियों और सत्ता में भागीदारी से भी वंचित रखा जाता था।
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