इस बार 6 दिसंबर, 2019 को डॉ. आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के मौके पर दलित पैंथर के हिंदी अनुवाद का विमोचन दिल्ली से सटे गाजियाबाद के विजय नगर में किया जाएगा। इस आशय की जानकारी डॉ. भीमराव आंबेडकर विचार मंच एवं जन्मोत्सव समिति के सदस्य लखीम चंद ने दी।
उन्होंने बताया कि डॉ. आंबेडकर की स्मृति में हम लोग विगत दस वर्षों से विजय नगर के माता कॉलोनी इलाके के डॉ. भीमराव आंबेडकर पार्क में इकट्ठे होते हैं और बाबा साहब को याद करते हैं। इस मौके पर समाज के प्रबुद्ध बुद्धिजीवी भी शामिल होते हैं। यह एक खास मौका होता है जब हम बाबा साहब के विचारों को सुनते-समझते हैं। साथ ही हम देश व समाज में होने वाली घटनाओं पर विचार-विमर्श भी करते हैं। इस बार का आयोजन भी बहुत खास है। खास इसलिए कि इस मौके पर दलित पैंथर आंदोलन के सह-संस्थापक रहे ज. वि. पवार द्वारा आंदोलन पर लिखित किताब के हिंदी अनुवाद का विमोचन करने जा रहे हैं। इस किताब का प्रकाशन फारवर्ड प्रेस द्वारा किया गया है।
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लखमी चंद ने बताया कि आज समाज के हर दलित-बहुजनों को यह किताब अवश्य पढ़नी चाहिए। यह किताब उस आंदोलन का प्रामाणिक दस्तावेज है जो 1970 के पूर्वाद्ध में शुरू हुआ और एक झटके से पूरे महाराष्ट्र में छा गया। उस समय इस सामाजिक आंदोलन को बदनाम करने की भरपूर कोशिश की गयी कि यह लड़ाकू संगठन है जबकि यह एक जुझारू संगठन था जो अहिंसक तरीके लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए संघर्ष करता था। मुझे विश्वास है कि जिस आंदोलन ने महाराष्ट्र के दलितों को झकझोर कर उन्हें एकजुट बनाया था, उसके बारे में हिन्दी भाषी राज्यों में लोग जानेंगे और एकजुट होंगे।
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उन्होंने बताया कि इस मौके पर ‘भारत की एकता और अखंडता का एकमात्र सूत्र :आंबेडकरवाद’ विषय पर विचार गोष्ठी भी आयोजित होगी। इसमें दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर श्योराज सिंह बेचैन मुख्य वक्ता होंगे। इनके अलावा मेरठ कॉलेज के प्रो. सतीश प्रकाश, दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर नीरा जलक्षत्री व प्रोफेसर छोटू राम सहित अनेक गणमान्य लोग वक्ताओं में शामिल हैं। इस मौके पर किताबों के स्टॉल भी लगाए जाएंगे। इन स्टॉलों से ‘दलित पैंथर : एक आधिकारिक इतिहास’ के अलावा दलित-बहुजनों के लिए उपयोगी अन्य किताबें भी खरीदी जा सकेंगी।
(कॉपी संपादन : नवल/सिद्धार्थ)
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