यकीन मानिए, दलित कवियों के अतिरिक्त, मेरे संग्रह में, हिंदी में, और भी बहुत से कवि हैं, जिनमें एक वे हैं, जो मुझे बेहद प्रभावित करते हैं। उनमें पाश हैं, गदर हैं, गोरख पांडे हैं, वरवर राव हैं, गौहर रज़ा हैं, भगवत रावत हैं, आलोक धन्वा हैं, अंशु मालवीय हैं। इनके संग्रह बाकी उन कवियों से अलग हैं, जो दूसरी तरह के कवि हैं। इनमें कोई चार दर्जन से भी ज्यादा कवि होंगे, और संग्रह सौ के करीब होंगे। इनमें वे सभी कवि हैं, जो बहुत प्रसिद्ध हैं, जैसे अशोक वाजपेयी, केदारनाथ सिंह, अरुण कमल, कुमार विकल, ऋतु राज। किन्तु इनकी कविताओं को समझने की योग्यता मुझमें नहीं है। मंगलेश डबराल का काव्य संग्रह ‘हम जो देखते हैं’ मैंने इसी ढेर से निकाला।
लेखक के बारे में
कंवल भारती
कंवल भारती (जन्म: फरवरी, 1953) प्रगतिशील आंबेडकरवादी चिंतक आज के सर्वाधिक चर्चित व सक्रिय लेखकों में से एक हैं। ‘दलित साहित्य की अवधारणा’, ‘स्वामी अछूतानंद हरिहर संचयिता’ आदि उनकी प्रमुख पुस्तकें हैं। उन्हें 1996 में डॉ. आंबेडकर राष्ट्रीय पुरस्कार तथा 2001 में भीमरत्न पुरस्कार प्राप्त हुआ था।