संविधान प्रदत्त आरक्षण के कारण ही देशभर में बहुजनों की राजनीतिक, शैक्षणिक, आर्थिक परिस्थितियों में परिवर्तन आया है। इसी कारण ही बहुजनों ने अपनी कार्यकुशलता से देश की चहुंमुखी विकास करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है। लेकिन इसके बावजूद अभी भी शासन-प्रशासन में बहुजनों की समुचित भागीदारी नहीं है। एक उदाहरण है हरियाणा के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों का, जहां एक भी दलित कुलपति व कुलसचिव नहीं है।
यह स्थिति तब है जबकि हरियाणा में अनुसूचित जाति की आबादी लगभग 20 प्रतिशत है। यही कारण है कि सरकारी नौकरियों व शैक्षणिक संस्थानों में इस वर्ग को 20 प्रतिशत प्रतिनिधित्त्व प्राप्त है। हरियाणा सरकार के अनुसूचित जाति व अन्य पिछड़ा कल्याण विभाग विभाग के आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार प्रदेश में अनुसूचित जातियों की संख्या 37 हैं। इनमें 1. आद्धर्मी, 2. बाल्मीकि, चूड़ा, भंगी, 3. बंगाली, 4. बरार, बुरार, बिरार, 5. बटवाल, बरवाला, 6. बोरिया, बावरिया, 7. बाजीगर, 8. भंजरा, 9. चमार, जटिया-चमार, रेहगर, रायगर, रामदासी, रविदासी, बलाही, बटोही, भटोई, भाम्बी, चमार-रोहिदास, जाटव, जाटवा, मोची, रामदासिया, 10. चनाल, 11. दागी, 12. डरेन, 13. डेहा, डहया, डीया, 14. धानक, 15. डोगरी, डांगरी, सिग्गी, 16. डूमना, महाशा, डूम, 17. गगड़ा, 18. गंधीला, गंदील, गंदोला, 19. कबीर पंथी, जुलाहा, 20. खटीक, 21. कोरी कोली, 22. मरीजा, मरीचा, 23. मजहबी, मजहबी सिख, 24. मेघ, मेघवाल, 25. नट, बादी, 26. ओड, 27. पासी, 28. पेरना, 29. फरेरा, 30. सनहाई, 31. सनहाल, 32. सांसी, भेंड़कूट, रूनेश, 33. संसोई, 34. सपेला, सपेरा, 35. सरेड़ा, 36. सिकलीगर, बारिया और 37. सिरकीबंद शामिल हैं।

हरियाणा प्रदेश में कुल 22 विश्वविद्यालय हैं, जिनमें कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र (1956) महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक (1976), गुरु जम्भेश्वर विज्ञान व प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार (1995), चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा (2003), इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय, रेवाड़ी (2013), चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय, हिसार (1970), केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा, महेंद्रगढ़ (2009) आदि शामिल हैं।
सर्वविदित है कि विश्वविद्यालय राज्य सरकारों व केंद्र सरकार द्वारा पोषित स्वायत संस्थाएं होती हैं। इनमें मुख्य नीति निर्धारण का कार्य मुख्य रूप से कुलपतियों व कुलसचिवों के माध्यम से ही होता है। वर्तमान में हरियाणा के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों और कुलसचिवों की नियुक्तियों में अनुसूचित जातियों का प्रतिनिधित्व शून्य है। जबकि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र में ही एक दर्जन से अधिक अनुसूचित जाति के प्रोफेसर नियमों के अनुसार कुलपति व कुलसचिव बनने की योग्यता रखते हैं। इसके साथ ही अन्य विश्वविद्यालयों में भी अनुसूचित जाति के योग्य शिक्षाविदों की कोई कमी नहीं हैं। ऐसा हरियाणा में तब हो रहा है, जब प्रदेश के राज्यपाल सह कुलाधिपति सत्यदेव नारायण आर्य स्वयं अनुसूचित जाति से आते हैं।
हरियाणा के विश्वविद्यालयों में कुलपति और उनकी जाति व वर्ग
विश्वविद्यालय | कुलपति | जाति/वर्ग |
---|---|---|
कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरूक्षेत्र | प्रो. एस. एन. सचदेवा | पंजाबी (सामान्य) |
डॉ. बी. आर. आंबेडकर नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, सोनीपत | डॉ. विनय कपूर | पंजाबी (सामान्य) |
श्री विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी, पलवल | राज नेहरू | पंजाबी ब्राह्मण (सामान्य) |
गुरु जम्भेश्वर विज्ञान व प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय | तारकेश्वर कुमार | पंजाबी (सामान्य) |
आईजीआई यूनिवर्सिटी, मीरपुर, रेवाड़ी | प्रो. एस के घरखड़ | पंजाबी (सामान्य) |
पंडित भगवान दयाल शर्मा हेल्थ यूनिवर्सिटी, रोहतक | डा. ओपी कालडा | पंजाबी (सामान्य) |
गुरुग्राम यूनिवर्सिटी, गुरुग्राम | डा. मार्कंडेय आहूजा | पंजाबी (सामान्य) |
कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज, करनाल | डा. जे. सी. दुरेजा (निदेशक) | पंजाबी (सामान्य) |
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक | प्रो. राजबीर सिंह | जाट (सामान्य) |
एसयूपीवीए, रोहतक | प्रो. राजबीर सिंह (अतिरिक्त प्रभार) | जाट (सामान्य) |
चौधरी रणवीर सिंह यूनिवर्सिटी, जींद | प्रो. सोमनाथ सचदेवा | पंजाबी (सामान्य) |
चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी, सिरसा | प्रो. अजमेर सिंह मलिक | जाट (सामान्य) |
केंद्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा, महेंद्रगढ़ | प्रो. आर. सी. कुहाड़ | जाट (सामान्य) |
वाईएमसीए, फरीदाबाद | प्रो. दिनेश अग्रवाल | बनिया (सामान्य) |
चौधरी बंशीलाल यूनिवर्सिटी, भिवानी | डॉ. आर के मित्तल | बनिया (सामान्य) |
महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय, कैथल | डॉ. श्रेयांश द्विवेदी | ब्राह्मण (सामान्य) |
डीसीआरयूएसटी, मुरथल | डा. राजेंद्र अन्नायत | दक्षिण भारतीय ब्राह्मण (सामान्य) |
कृष्ण आयुष यूनिवर्सिटी, कुरूक्षेत्र | डा. बलदेव धीमन | धीमन (सामान्य) |
हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, हिसार | डा. समर सिंह | रोड (सामान्य) |
राणा प्रताप हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी, करनाल | डा. समर सिंह (अतिरिक्त प्रभार) | रोड (सामान्य) |
बीपीएस महिला यूनिवर्सिटी, खानपुर, सोनीपत | प्रो. सुषमा यादव | यादव (ओबीसी) |
एलयूवीएएस, हिसार | डॉ. गुरूदयाल सिंह | जांगड़ा (ओबीसी) |
(उपरोक्त सारणी में जाति संबंधित सूचना स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर)
प्रदेश में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण प्राप्त है। अभी चार विश्वविद्यालयों में कुलपति ओबीसी वर्ग के हैं तथा ओबीसी कुलसचिवों की संख्या भी 4 है। हालांकि हरियाणा में ओबीसी को दो वर्गो में विभाजित किया गया है, जिनमें ‘वर्ग ए’ में कुल 72 जातियां और ‘वर्ग बी’ में छह जातियां सम्मिलित हैं। कुलपतियों व कुलसचिवों की नियुक्तियों में ‘बी वर्ग’ को ज्यादा महत्व दिया गया है, क्योंकि यह वर्ग शैक्षणिक, आर्थिक, राजनीतिक रूप से अधिक प्रभावशाली है।
(संपादन : नवल)
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