इसी 19 मई, 2022 को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली (जेएनयू) की कुलपति शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित ने दिल्ली विश्वविद्यालय में ‘स्वराज से नए भारत के विचारों पर पुनर्विचार’ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय सेमिनार के दूसरे दिन अपने भाषण में कहा कि “भारत को संविधान से बंधा हुआ एक नागरिक राष्ट्र बना देना उसके इतिहास, प्राचीन घरोहर, संस्कृति और सभ्यता की उपेक्षा करने के समान है।”
लेखक के बारे में
कंवल भारती
कंवल भारती (जन्म: फरवरी, 1953) प्रगतिशील आंबेडकरवादी चिंतक आज के सर्वाधिक चर्चित व सक्रिय लेखकों में से एक हैं। ‘दलित साहित्य की अवधारणा’, ‘स्वामी अछूतानंद हरिहर संचयिता’ आदि उनकी प्रमुख पुस्तकें हैं। उन्हें 1996 में डॉ. आंबेडकर राष्ट्रीय पुरस्कार तथा 2001 में भीमरत्न पुरस्कार प्राप्त हुआ था।