प्रेम कुमार मांझी की उम्र करीब 19 साल है। बिहार की राजधानी पटना के फुलवारी प्रखंड के गोनपुरा गांव के इस दलित छात्र को बड़ी कामयाबी मिली है। उसे अमेरिका के पेंसलवेनिया राज्य में अवस्थित प्रतिष्ठित कॉलेज लाफायेट कॉलेज ने दाखिले के साथ ही ढाई करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति दी है। यह कॉलेज 1826 में स्थापित हुई थी। अब प्रेम इसी कॉलेज में पढ़ाई करेगा। उसकी इस कामयाबी से उसके पैतृक गांव गोनपुरा के निवासियों में खुशी की लहर है। प्रेम के पिता जीतन मांझी दिहाड़ी मजदूर हैं। उन्होंने फारवर्ड प्रेस से दूरभाष पर अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि यह तो उनके कभी सपने में भी नहीं आया था कि उनका बेटा सात समंदर पार अमेरिका जाकर पढ़ेगा। हालांकि उन्होंने यह अवश्य कहा कि उनका बेटा प्रेम बचपन से ही पढ़ने में तेज है और इसी साल उसने इंटर साइंस की परीक्षा दी है। जीतन मांझी ने कहा कि उसके बेटे की शिक्षा-दीक्षा में शोषित समाधान केंद्र उड़ान टोला, दानापुर की अहम भूमिका रही है। इसी संस्था की स्कूल से प्रेम ने 2020 में मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की थी और इसी संस्था की कॉलेज में वह इंटर की पढ़ाई कर रहा था।
द्रौपदी मुर्मू के सवाल पर जेएमएम खामोश, सभी की नजरें शिबू सोरेन पर
झारखंड में सत्तासीन झारखंड मुक्ति मोर्चा राष्ट्रपति चुनाव के मामले में पेशोपेश की स्थिति से गुजर रही है। दरअसल, जेएमएम यूपीए महागठबंधन का हिस्सा है, जिसके संयुक्त उम्मीदवार पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा हैं। जबकि भाजपानीत एनडीए ने झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को अपना उम्मीदवार बनाया है। यदि मुर्मू राष्ट्रपति चुनी जाती हैं तो वह भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी। इस कारण से जेएमएम के अंदर उहापोह की स्थिति है। दल के अनेक नेताओं का मानना है कि द्रौपदी मुर्मू को वोट करना जरूरी है। यदि ऐसा नहीं हुआ तो आदिवासी समाज के बीच गलत संदेश जाएगा। वहीं दूसरे गुट का कहना है कि द्रौपदी मुर्मू को वोट देना गठबंधन धर्म का विरोध करना होगा। हालांकि इस संबंध में बीते रविवार को रांची में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पार्टी के नेताओं के साथ बातचीत की। बाद में यह मसला शिबू सोरेन के उपर छोड़ दिया गया है।
‘काली’ विवाद में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ मुकदमा, ममता बनर्जी ने भी दी नसीहत
फिल्मकार लीना मणिमेकलई की डॉक्यूमेंट्री फिल्म “काली” को लेकर शुरू हुआ रार अब भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते 6 जुलाई को तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ भोपाल और कोलकाता में मुकदमे दर्ज किये गये। दरअसल महुआ मोइत्रा ने अपने बयान में कहा था कि वे जिस काली की आराधना करती हैं, उन्हें मांसाहार और शराब चढ़ाई जाती है। उनके इसी बयान को आधार पर बनाकर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। वहीं इस मामले में ममता बनर्जी ने मोइत्रा को नसीहद दी है कि इस तरह के मामले में लोगों की भावनाओं को समझा जाना आवश्यक है। बताते चलें कि “काली” फिल्म के एक पोस्टर में नायिका को धूम्रपान करते दिखाया गया है। इसके बाद से फिल्मकार लीना मणिमेकलई के खिलाफ देश के कई राज्यों में मुकदमे दर्ज किये गये हैं।
छत्तीसगढ़ में दस महीने की बच्ची को अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी
भारतीय रेलवे ने एक दस महीने की मासूम बच्ची को अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी दी है। अब उसे तय नियमों के अनुसार वेतनादि व अन्य सुविधाएं दी जाएंगीं। इस आशय की सूचना दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे द्वारा 4 जुलाई को जारी बयान में दी गई है। इसमें बताया गया है कि बच्ची के पिता राजेंद्र कुमार भिलाई में रेलवे यार्ड में सहायक के पद पर कार्यरत थे। बीते 1 जून, 2022 को एक सड़क दुर्घटना में राजेंद्र कुमार और उनकी पत्नी की मौत हो गई थी। रेलवे ने यह भी जानकारी दी है कि नियुक्ति हेतु बच्ची के उंगलियों के निशान को दर्ज कर लिया गया है।
लालू की सेहत में सुधार, परिजनों ने की पुष्टि
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद की सेहत में लगातार सुधार हो रहा है। इस आशय की जानकारी उनकी पुत्री व राज्यसभा सांसद डा. मीसा भारती ने दूरभाष पर दी। उन्होंने बताया कि उनके पिता अब ठीक हो रहे हैं। कमर में हेयर लाइन फ्रैक्चर हो जाने की वजह से पहले दर्द बहुत थी, लेकिन अब उनकी स्थिति में सुधार है। उन्होंने कहा कि कल लालू प्रसाद ने खिचड़ी खाई थी और परिजनों से बातचीत भी की। बताते चलें कि बीते सोमवार को सीढ़ियों से फिसल जाने के कारण लालू प्रसाद की कमर में चोट आ गई थी। बाद में चिकित्सकों ने हेयर लाइन फ्रैक्चर होने की बात कही। पटना के एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहे लालू प्रसाद को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर एयर एंबुलेंस की सहायता से दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया है। इसके पहले उनके स्वास्थ्य को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर तमाम बड़े नेताओं ने चिंता व्यक्त की तथा उनके जल्द कुशल होने की कामना की।
महाराष्ट्र में भाजपा ने बनाया दबाव, विभागों के बंटवारे को लेकर पेंच
नवगठित एकनाथ शिंदे सरकार पर भाजपा ने दबाव बनाना शुरू कर दिया है। यह दबाव मंत्रिपरिषद में हिस्सेदारी को लेकर है। इसी दबाव के मद्देनजर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने यह संकेत दिया है कि वे जल्द ही दो चरणों में अपने मंत्रिपरिषद का विस्तार करेंगे। यह विस्तार आगामी 18 जुलाई के पहले और बाद में हो सकेगा। हालांकि इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार भाजपा मंत्रिपरिषद में 28 स्थान चाहती हैं, जिनमें 20 कैबिनेट स्तर के मंत्री पद शामिल हैं। बताते चलें कि किसी भी राज्य के मंत्रिपरिषद में मंत्रियों की संख्या (जिसमें मुख्यमंत्री का पद भी शामिल है) विधानसभा के कुल सीटों के 15 फीसदी से अधिक नहीं हो सकती। इस हिसाब से एकनाथ शिंदे अपने मंत्रिपरिषद में अपने अलावा 41 सदस्य रख सकते हैं। चूंकि भाजपा ने एकनाथ शिंदे को अपना समर्थन दिया है और उसके पास कुल विधायकों की संख्या 106 है, इसलिए भाजपा ने 28 पदों पर दावा ठोका है। वहीं एक मामला विभागों के चयन का भी है। भाजपा उन विभागों पर अधिकार चाहती है, जो शासकीय दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं। इनमें गृह विभाग, वित्त विभाग, राजस्व विभाग के अलावा सामान्य प्रशासन विभाग आदि शामिल हैं। वहीं एकनाथ शिंदे के उपर अपने पक्ष के विधायकों का भी दबाव है, जिन्होंने उद्धव ठाकरे के खिलाफ जाकर उनका समर्थन किया है।
(संपादन : अनिल)
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