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अमेजन और फ्लिपकार्ट पर सहज उपलब्ध हैं फारवर्ड प्रेस की किताबें

बहुजन विमर्श को विस्तार देतीं फारवर्ड प्रेस द्वारा प्रकाशित किताबों को ऑनलाइन खरीदना और आसान हो गया है। अब आप अमेजन और फ्लिपकार्ट के जरिए अपने मोबाइल अथवा लैपटॉप की सहायता से बस कुछ सेकेंडों में ही खरीद सकते हैं

फारवर्ड प्रेस बहुजनों के मुद्दों, इतिहास, साहित्य, संस्कृति और समाज पर आधारित किताबों का प्रकाशन करता है। इन किताबों को अकादमिक जगत में तो सराहा ही गया है, सुदूर ग्रामीण इलाकों में भी लोगों ने इन्हें पसंद किया है। बहुजन विमर्श को विस्तार देतीं इन पुस्तकों को अमेजन ऑर फ्लिपकार्ट के जरिए सहज ही ऑनलाइन खरीदा जा सकता है।

इसके अलावा आप किंडल के जरिए ई-बुक संस्करण भी खरीद सकते हैं। फारवर्ड प्रेस द्वारा ई-बुक को बढ़ावा देने के लिए खास पहल करते हुए कीमत केवल सौ रुपए रखी गई है। यह योजना सीमित समय के लिए है।


अमेजन व किंडल पर फारवर्ड प्रेस की सभी पुस्तकों को एक साथ देखने के लिए तस्वीर पर क्लिक करें

एफपी बुक्स का प्रकाशन जून, 2016 में आरंभ हुआ था। अबतक एक दर्जन किताबों का प्रकाशन किया गया है। इन पुस्तकों की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दो वर्षों के अंतराल में ही कुछ पुस्तकों का दूसरा तो कुछ किताबों का तीसरा संस्करण प्रकाशित हुआ है।

फारवर्ड प्रेस द्वारा अद्यतन प्रकाशित पुस्तक ‘मिस कैथरीन मेयो की बहुचर्चित कृति : मदर इंडिया’ है। इस पुस्तक के बारे में दलित पैंथर्स के संस्थापकों में से एक जे. वी. पवार ने लिखा है – “1927 में प्रकाशित कैथरीन मेयो की किताब ‘मदर इंडिया’ ने भारतीय समाज में शूद्रों और महिलाओं की क्या स्थिति है, इसको दुनिया के सामने उजागर किया। इस किताब में दिए गए तथ्य और विवरण आंखें खोल देने वाले हैं। यह कैथरीन मेयो का आंखों-देखा विवरण है। यह किताब बताती है कि भारतवासी अपने ही भाई-बंधुओं और महिलाओं के साथ कैसा बुरा बर्ताव करते हैं और एक आम भारतीय का जीवन कितने दु:खों से भरा हुआ है। यह किताब हिंदू धर्म एवं संस्कृति पर हमला करती है, यह कहकर सवर्ण जाति के राष्ट्रवादी नेताओं ने इसकी निंदा की। निंदा करने वालों में गांधी भी शामिल थे। कंवल भारती ने इसका अनुवाद करके एक महत्वपूर्ण कार्य को अंजाम दिया है।”

फारवर्ड प्रेस द्वारा हाल ही में प्रकाशित एक और पुस्तक ‘जाति का विनाश’ है। इस किताब के लेखक डॉ. आंबेडकर हैं। यह ‘एनीहिलेशन आॅफ कास्ट’ का मुकम्मल हिंदी अनुवाद है और इसमें उनकी इच्छा के अनुरूप 1916 में कोलंबिया विश्वविद्यालय में दिया गया उनका पहला शोध भी संग्रहित है।

इस किताब के बारे में दलित लेखक कंवल भारती ने लिखा है – “जाति का विनाश’ डॉ. आंबेडकर का सर्वाधिक चर्चित ऐतिहासिक व्याख्यान है, जो उनके द्वारा लाहौर के जातपात तोडक मंडल के 1936 के अधिवेशन के लिए अध्यक्षीय भाषण के रूप में लिखा गया था, पर विचारों से असहमति के कारण अधिवेशन ही निरस्त हो गया था। यह व्याख्यान आज भी प्रासंगिक है, क्योंकि जाति का प्रश्न हिन्दू समाज का सबसे ज्वलंत प्रश्न आज भी है। डॉ. आंबेडकर पहले भारतीय समाजशास्त्री थे, जिन्होंने हिन्दू समाज में जाति के उद्भव और विकास का वैज्ञानिक अध्ययन किया था। इस विषय पर उन्होंने पहला शोध कार्य 1916 में किया था, जो ‘कास्ट इन इंडिया’ नाम से चर्चित है। उन्होंने अकाट्य प्रमाणों से यह साबित किया है कि बालिका-विवाह, आजीवन वैधव्य और विधवा को जिन्दा जलाकर मारने की सतीप्रथा का चलन एक स्वतंत्र वर्ग को बंद वर्ग में बदलने के तन्त्र थे। इसी तंत्र ने जाति-व्यवस्था का विकास किया। वे ‘जाति का विनाश’ में वर्णव्यवस्था की कटु आलोचना करते हुए उसे दुनिया की सबसे वाहियात व्यवस्था बताते हैं। उनके अनुसार जाति ही भारत को एक राष्ट्र बनाने के मार्ग में सबसे बड़ा अवरोध है। इसलिए वे कहते हैं, अगर भारत को एक राष्ट्र बनाना है, तो जाति को समाप्त करना होगा, और इसके लिए जाति की शिक्षा देने वाले धर्मशास्त्रों को डायनामाईट से उड़ाना होगा। यशस्वी पत्रकार राजकिशोर जी ने इन दोनों कृतियों का बहुत बढ़िया अनुवाद किया है, और दोनों को एक ही जिल्द में देकर, जो डॉ. आंबेडकर की भी भावना थी, इसे पाठकों और शोधार्थियों के लिए एक बेहद उपयोगी संस्करण बना दिया है। इसमें उन स्थलों, विद्वानों, ऐतिहासिक घटनाओं, उद्धरणों और धर्मग्रंथों के बारे में, जिनका सन्दर्भ डाॅ. आंबेडकर ने अपने व्याख्यान में दिया है, फुटनोट में उनका विवरण भी स्पष्ट कर दिया गया है।”

फारवर्ड प्रेस की किताबें भारत की अब तक की मूक आबादी की आवाज हैं और दबे-कुचले लोगों के संघर्ष का रास्ता। इसके केंद्र में हैं– आदिवासी, दलित, पिछड़े और महिलाएं।

इन्हें आप अमेजन और किंडल से भी खरीद सकते हैं। अधिक संख्या में आर्डर करने के लिए मोबाइल नंबर 7827427311 पर संपर्क करें। किताबें आर्डर करने के लिए चार्ट में दिये गये किताबों के नाम और मूल्य पर क्लिक कर सकते हैं।

एक नजर में फारवर्ड प्रेस की किताबें

(घर बैठे मंगाने के लिए किताब के नाम अथवा मूल्य पर क्लिक करें)

पुस्तकलेखक/संपादकअमेजन / फ्लिपकार्ट किंडल संस्करण
आरएसएस और बहुजन चिंतनकंवल भारतीअमेजन : अजिल्द 200 रुपए

फ्लिपकार्ट पर खरीदें
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चिंतन के जनसरोकारप्रेमकुमार मणिअमेजन : अजिल्द 150 रुपए

फ्लिपकार्ट पर खरीदें
महिषासुर एक जननायकप्रमोद रंजनअमेजन : अजिल्द 150 रुपए
The Case for Bahujan LiteratureIvan Kostka, Pramod Ranjanअमेजन : अजिल्द 150 रुपए

फ्लिपकार्ट पर खरीदें
बहुजन साहित्य की प्रस्तावनाप्रमोद रंजन व आयवन कोस्काअमेजन : अजिल्द 120 रुपए

फ्लिपकार्ट पर खरीदें
जाति के प्रश्न पर कबीरकमलेश वर्माअमेजन : अजिल्द 165 रुपए

फ्लिपकार्ट पर खरीदें
The Common Man Speaks OutPremkumar Maniअमेजन : सजिल्द 300 रुपए
महिषासुर मिथक व परंपराएंप्रमोद रंजनअमेजन : अजिल्द 350 रुपए, सजिल्द 850 रुपए

फ्लिपकार्ट पर खरीदें
Dalit Panthers : An Authoritative HistoryJ. V. Pawarअमेजन : अजिल्द 199 रुपए, सजिल्द 500 रुपए

फ्लिपकार्ट पर खरीदें
Mahishasur A peoples HeroPramod Ranjanअमेजन : अजिल्द 150 रुपए

फ्लिपकार्ट पर खरीदें
कैसे बनाएं जीवन को खूबसूरतप्रभु गुप्ताराअमेजन : अजिल्द 150 रुपए, सजिल्द 350 रुपए

फ्लिपकार्ट पर खरीदें
जाति का विनाशबाबा साहेब डाॅ. भीमराव आंबेडकरअमेजन : अजिल्द 200 रुपए, सजिल्द 400 रुपए

फ्लिपकार्ट पर खरीदें
मदर इंडिया : मिस कैथरीन मेयो की बहुचर्चित कृतिकैथरीन मेयोअमेजन : अजिल्द 350 रुपए, सजिल्द 850 रुपए

फ्लिपकार्ट पर खरीदें

Make the Best of Your Life : Letters to Bahujan YouthPrabhu Guptaraअमेजन : अजिल्द 150 रुपए-

 

लेखक के बारे में

एफपी डेस्‍क

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