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आंबेडकर विवि में धार्मिक विविधताओं व गांधी दर्शन की प्रासंगिकता पर विचार, मुक्तिबोध की कविताओं पर विमर्श

भूमंडलीकरण के इस दौर में आधुनिक और पुराने विचारों का टकराव आम हो गया है। इसमें गांधी दर्शन कहां खड़ा है और धार्मिक विविधताएं मुल्क की सीमाओं को जिस तरह लांघ रही हैं, यह भी वैचारिक उथल-पुथल के केंद्र में हैं। देश के प्रमुख संस्थानों में होने वाले आगामी आयोजनों का ब्यौरा देखें इस साप्ताहिक कॉलम में

धार्मिक सह-अस्तित्व का सवाल

आंबेडकर विश्वविद्यालय, दिल्ली ने 8 से 14 जनवरी, 2020 तक “वैश्वीकरण और धार्मिक विविधता : मुद्दे, परिप्रेक्ष्य और गांधी दर्शन की प्रासंगिकता”  विषय पर सम्मेलन और कार्यशाला आयोजित की है।

आयोजकों के मुताबिक, “धार्मिक विविधता का मुद्दा कोई नया विषय नहीं है; बल्कि यह अतीत में भी महत्व का विषय रहा है। कुछ देर से ही सही, परन्तु आज धर्मों के विस्तार और उनकी अवधारणाओं के आसपास होने वाली राजनीति को लेकर व्यापक चिंता और घबराहट पैदा हुई है। भारत सहित अन्य एशियाई देशों का धार्मिक सहअस्तित्व का म़ॉडल दुनिया भर में अनुकरणीय रहा है। लेकिन मुश्किलें कम नहीं हैं। इस कार्यशाला का मकसद धार्मिक विविधता से संबंधित कुछ प्रमुख मुद्दों को जानना और भूमंडलीकरण के युग में विभिन्न मौजूदा मॉडलों को परखना है।”

कार्यशाला में जिन उप-विषयों पर विचार किया जाएगा, उनमें शामिल हैं – धार्मिक विविधता के विचार में अनेकताएं, धार्मिक सह-अस्तित्व के मॉडल, गांधी की प्रासंगिकता, धर्मनिरपेक्षता और दक्षिण एशियाई अनुभव, धर्म के नाम पर आतंक और हिंसा, वैश्वीकरण और पहचानवादी राजनीति, आंबेडकर और बौद्ध धर्म : एक समान दुनिया की खोज, आदि।

आंबेडकर विश्वविद्यालय, दिल्ली

कार्यशाला में प्रमुख वक्ता होंगे- जॉर्न बोरूप, गार्गी चक्रवर्ती, संतोष के. सिंह. इदरीस कंठ सलिल मिश्रा, देव एन. पाठक, अविजित पाठक, सशांक परेरा, मारियाने क्यूएफ, सुरिंदर एस जोधाका, सर्वेश्वर साहू और योगेश स्नेही। कार्यशाला एयूडी के करमपुरा कैंपस के विंटर स्कूल में आयोजित की गई है। इस कार्यशाला में वे विद्यार्थी भाग ले सकते हैं, जो संबंधित क्षेत्र में परास्नातक या एमफिल/ पीएचडी कर रहे हैं। इच्छुक आवेदक 15 दिसंबर 2019 तक iws2020@aud.ac.in पर अपना शोध-सार भेज सकते हैं। कार्यशाला के समन्वयक संतोष के. सिंह (एयूडी) हैं। ज्यादा जानकारी के लिए संपर्क करें : aishwarya.15@stu.aud.ac.in और ealexander.19@stu.aud.ac.in।

मानसिक बीमारों की चिंता

आत्महत्या की घटनाएं आए दिन होती हैं और आत्मघाती प्रवृतियां हमारे समाज में बढ़ रहीं हैं। सभी समुदायों के हर वर्ग के लोगों, जिनसे शिक्षा जगत के लोग भी शामिल हैं, में अवसाद और हताशा तेजी से अपनी पैठ बना रही है। इसे ध्यान में रखते हुए, जाधवपुर विश्वविद्यालय और कोलकाता के मेंटल हेल्थ संगठन ने मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं पर 3-4 जनवरी 2020 को दो दिन का विशेष सम्मेलन आयोजित किया है।


सम्मेलन के लिए विशेषज्ञों और छात्रों से शोधपत्र आमंत्रित किए गए हैं। सम्मेलन के उप-विषय हैं- 1. मानसिक स्वास्थ्य समस्या: सैद्धांतिक रूपरेखा 2. स्कूल जाने वाले बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य समस्या 3. किशोरों और वयस्कों में मानसिक स्वास्थ्य समस्या 4. मानसिक स्वास्थ्य नीति के दृष्टिकोण 5. मानसिक स्वास्थ्य की पड़ताल और रोकथाम 6. मानसिक स्वास्थ्य अनुसंधान में उभरते रुझान 7. मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण 8. भारतीय परिदृश्य में मानसिक स्वास्थ्य का वर्गीकरण 9. मानसिक स्वास्थ्य और समुदाय 10. जीएसएम (जेंडर एंड सेक्सुअल माइनोरिटीज) समुदाय का मानसिक स्वास्थ्य 11. मानसिक स्वास्थ्य और मीडिया। इन उप-विषयों के अतिरिक्त, मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़े किसी अन्य विषय पर  शोध कार्य भी सम्मेलन में प्रस्तुत किया जा सकता है।

शोध पत्र का सार education.ju@outlook.com पर भेजा जा सकता है। पंजीकरण की अंतिम तिथि 30.12.2019 है। अधिक जानकारी के लिए (033) 2457 2434, 7003514604/ 9749671200 पर आयोजकों से संपर्क किया जा सकता है।

अच्छी कविता से अच्छा कुछ नहीं

मुक्तिबोध जयंती के मौके पर दिल्ली की अकादमी ऑफ फाइन आर्ट्स एंड लिटरेचर ने दिल्ली में मुक्तिबोध पर केंद्रित आलोचना पुस्तक- “ऐंद्रिकता और मुक्तिबोध” पर 30 नवंबर 2019 को संवाद और परिचर्चा का आयोजन किया है। पुस्तक के लेखक विनय विश्वास हैं। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर आलोचक मैनेजर पांडेय शिरकत करेंगे।


कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्यकार विश्वनाथ त्रिपाठी करेंगे। वक्ताओं में द्वारिका प्रसाद चारूमित्र, हरजेंद्र चौधरी, वेद प्रकाश, अच्युतानंद मिश्र आदि होंगे। कार्यक्रम संबंधी जानकारी के लिए नीरज कुमार मिश्र से 99683 23683 और अंशु कुमार चौधरी से 97183 62779 पर संपर्क किया जा सकता है। कार्यक्रम शाम  5.30 बजे शुरू होगा। कार्यक्रम स्थल का पता है- 4/6 सिरी फोर्ट इंस्टीट्यूशनल एरिया, ग्रीन पार्क मेट्रो गेट नंबर-2, नई दिल्ली 110049।

ऊर्जा स्थिरता की चुनौतियां

पेट्रोलियम भू-भौतिकविद सोसाइटी (एसपीजी) का 13वां द्विवार्षिक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी लुलु बोलगाटी अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर, कोच्चि, केरल में 23 से 25 फरवरी 2020 तक आयोजित किया गया है। इसका विषय ऊर्जा स्थिरता के नई चुनौतियों है. सम्मलेन में भाग लेने के लिए पंजीकरण जारी है।

आयोजकों के मुताबिक इस विषय के चयन का मुख्य मकसद देश की स्थिरता के लिए ऊर्जा सुरक्षा में हाइड्रोकार्बन क्षमता हासिल करना भी है। सम्मेलन, पेट्रोलियम ऊर्जा और क्षमता के पारंपरिक, अपरंपरागत और साथ ही अक्षय ऊर्जा स्रोत से संबंधित सभी पहलुओं पर केंद्रित होगा। इसमें जियोसाइंस के पेशेवरों से चर्चा होगी और हाल की प्रगति और प्रौद्योगिकियों की बारीकियों से प्रतिभागियों को परिचित कराया जाएगा।

आयोजकों ने वैज्ञानिक शोध से जुड़े स्कॉलरों से तकनीकी पेपर आमंत्रित किए हैं। सम्मेलन पूर्व पाठ्यक्रम के लिए पंजीकरण अभी चल रहा है जो 15 जनवरी 2020 तक जारी रहेगा। अधिक जानकारी एसपीजी इंडिया की वेबसाइट www.spgindia.org पर उपलब्ध है। इस संबंध में सम्मेलन चेयरमैन प्रदीप्ता मिश्रा से  9969224402 या pmishra61@yahoo.com और रोमी गंजू सचिव एसपीजी से 9410390636 या ganjuromi@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है। ‘कोच्ची 2020’ के लिए एसपीजी का सम्मेलन सचिवालय देहरादून के ओएनजीसी कैंपस में स्थित है।

(कॉपी संपादन : नवल/अमरीश)


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लेखक के बारे में

कमल चंद्रवंशी

लेखक दिल्ली के एक प्रमुख मीडिया संस्थान में कार्यरत टीवी पत्रकार हैं।

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