कबीर की कविताएँ जातियों के विवरण और विन्यास के माध्यम से अनेक बातें कहती हैं. वे अपने परिवेश में जातियों की सामाजिक स्थिति को बखूबी समझते हुए भक्तिपरक बातें करते हैं. उन्हें जरा भी भ्रम नहीं है कि जातियों की असलियत क्या है? ‘जाति के प्रश्न पर कबीर’ पुस्तक में कबीर से सम्बन्धित उन प्रश्नों पर विचार किया गया है जिनका जुड़ाव ‘जाति’ से है.