करीब 37 साल की दलित पुनिया देवी, अपने पति का मुंह देखे बिना ही बाल विधवा हो गई। साल 1997 में ही तो औरंगाबाद जिले के केरा गांव की इस बच्ची को ब्याहने लक्ष्मणपुर बाथे का एक लड़का शिवकैलाश चौधरी आया था। शादी के रस्म रिवाज हुए, लेकिन दुल्हा-दुल्हन ने एक दूसरे का चेहरा नहीं देख पाए। पुनिया ने अपने पति का चेहरा उसकी मौत के बाद भी नहीं देखा।