डॉ. भीमराव आंबेडकर (14 अप्रैल, 1891 – 6 दिसंबर, 1956) पर विशेष
भले ही हम 21वीं सदी के तीसरे दशक में प्रवेश कर गये हैं और सुविधाओं एवं तकनीक की दृष्टि से आधुनिक भी होते जा रहे हैं, लेकिन आज भी भारत में स्थितियां विषम ही हैं। फिर वह चाहे शिक्षा का मामला हो, या फिर सामान्य रहन-सहन के संदर्भ में। यहां तक कि भाषा व बोली के संकेतों में भेद मूलक सोच परिलक्षित होते हैं। ऐसा भी कह सकते है कि हम तकनीक के क्षेत्र में आगे हैं, परंतु हमारी सोच अब भी यथावत रूढिवादी है।