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Abhay Kumar

मत कहिए फूलन देवी को ‘बैंडिट क्वीन’
फूलन देवी ने एक ऐसी मिसाल छोड़ी है, जिसे हमें हमेशा याद रखना चाहिए। उनकी जीवनगाथा हमें यही...
एससी-एसटी आरक्षण में उपश्रेणीकरण के संभावित खतरे
यह दुखद है कि दलित और आदिवासी आज भी समाज के सबसे निचले पायदान पर हैं, मगर अदालत...
बहुजनों के वास्तविक गुरु कौन?
अगर भारत में बहुजनों को ज्ञान देने की किसी ने कोशिश की तो वह ग़ैर-ब्राह्मणवादी परंपरा रही है।...
लल्लनटॉप प्रकरण : द्विज हिंदूवादी पत्रकारिता की खुली पोल
जब तक न्यूज़रूम का लोकतांत्रिकरण नहीं होगा, तब तक कोई मुसलमान और कोई दलित-बहुजन, द्विवेदी की तरह सामने...
जातिगत जनगणना की आवश्यकता को स्थापित कर रही है वर्ल्ड इक्वलिटी लैब की अद्यतन रिपोर्ट
‘वर्ल्ड इक्वलिटी लैब’ की रपट एक बार फिर जातिगत व्यवस्था और अमीर-गरीब के बीच संबंधों की ओर स्पष्ट...
The intellectual bankruptcy of an upper-caste academia
The reason India has failed to produce quality research and transformative theories is that the upper-caste intellectuals tend...
सामाजिक न्याय की जीत है अयोध्या का जनादेश
जीत का श्रेय समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव को भी दिया जाना चाहिए। उन्होंने बहुत ही बड़ा...
मुसलमानों का घटता राजनीतिक प्रतिनिधित्व : एक आंबेडकरवादी नज़रिया
भाजपा को ही ले लीजिए तो इस बार वह कुल 440 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। लेकिन...
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