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Anamika Das

के. बालगोपाल के जाति-विरोधी साहित्य का अवलोकन
इस नागरिक अधिकार कार्यकर्ता व वकील की मान्यता थी कि जाति-आधारित समाज की आंबेडकर द्वारा की गई समालोचना...
A review of K. Balagopal’s anti-caste literature
The civil rights activist and lawyer believed that Ambedkar’s critique of a caste society is also a “democrat’s...
शैक्षणिक बैरभाव मिटाने में कारगर हो सकते हैं के. बालगोपाल के विचार
अपने लेखन में बालगोपाल ने ‘यूनिवर्सल’ (सार्वभौमिक या सार्वत्रिक) की परिकल्पना की जो पुनर्विवेचना की है, उसे हम...
How can late K. Balagopal’s learnings on the ground benefit academia today
In his writings, Balagopal has revisited the concept of ‘universal’ in a way which I believe, can be...