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Arvind Jain

बच्चों पर मां के अधिकार
लेखक अरविंद जैन के मुताबिक, सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष समस्या यह है कि संरक्षकता सम्बन्धी प्रावधान को न...
यौन हिंसा और न्याय की भाषा
भारत में दर्ज होने वाले संज्ञेय मामलों में यौन हिंसा से जुड़े मामलों की बड़ी भागीदारी है। अरविन्द...
हिंसक-हत्यारे समय में अभिव्यक्ति की आज़ादी और ‘देशद्रोही’ होने के खतरे!
लेखक अरविंद जैन बता रहे हैं किस तरह हाल के वर्षों में अभिव्यक्ति की आजादी पर खतरे बढ़े...
सहमति से यौन संबंध : अपने ही कानूनी जाल-जंजाल में फंसी पितृसत्ता के होनहार लाडले
लेखक अरविन्द जैन बता रहे हैं कि सहमति से यौन संबंध की उम्र सोलह साल से बढ़ाकर अठारह...
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