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Nawal Kishore Kumar

Ali Anwar: By amending Waqf law, government wants to grab land, not ensure Pasmanda representation
The creation of a Waqf is a religious process. How can a non-Muslim regulate it? Will you dare...
‘ज्योति कलश’ रचने में चूक गए संजीव
जोतीराव फुले के जीवन पर उपन्यास लिखना एक जटिल काम है, लेकिन इसे अपनी कल्पनाशीलता से संजीव ने...
दलित साहित्य को किसी भी राजनीतिक दल का घोषणापत्र बनने से जरूर बचना चाहिए : प्रो. नामदेव
अगर कोई राजनीतिक दल दलित साहित्य का समर्थन करे तो इसमें बुराई क्या है? हां, लेकिन दलित साहित्य...
पसमांदा को नुमाइंदगी देने की नहीं, सरकार की मंशा जमीन हड़पने की है : अली अनवर
वक्फ करना धार्मिक प्रक्रिया का हिस्सा है। इसे कोई गैर-इस्लामी कैसे संचालित करेगा? मैं कहता हूं कि क्या...
‘इन गलियों में’ : संप्रदायवादी सवालों से टकराती फिल्म में दिखा उच्च जातीय अंतर्द्वंद्व
फिल्मकार अविनाश दास ने एक साथ कई सवालों पर निशाना साधा है। मसलन, वह जाति-प्रथा पर भी चोट...
यात्रा संस्मरण : ‘सड़सी-कुटासी’ परब मनाते छोटानागपुर के असुर
होलिका दहन के मौके पर जहां एक ओर हिंदू एक स्त्री की प्रतिमा को जलाते हैं दूसरी ओर...
स्वतंत्र भारत में पिछड़ा वर्ग के संघर्ष को बयां करती आत्मकथा
ब्राह्मण या ऊंची जातियों के जैसे अपनी जाति को श्रेष्ठ बताने की अनावश्यक कोशिशों को छोड़ दें तो...
दलित साहित्य में समालोचना विधा को बहुत आगे जाना चाहिए : बी.आर. विप्लवी
कोई कुछ भी लिख रहा है तो उसका नाम दलित साहित्य दे दे रहा है। हर साहित्य का...
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