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Nawal Kishore Kumar

स्वतंत्र भारत में पिछड़ा वर्ग के संघर्ष को बयां करती आत्मकथा
ब्राह्मण या ऊंची जातियों के जैसे अपनी जाति को श्रेष्ठ बताने की अनावश्यक कोशिशों को छोड़ दें तो...
दलित साहित्य में समालोचना विधा को बहुत आगे जाना चाहिए : बी.आर. विप्लवी
कोई कुछ भी लिख रहा है तो उसका नाम दलित साहित्य दे दे रहा है। हर साहित्य का...
यूजीसी के नए मसौदे के विरुद्ध में डीएमके के आह्वान पर जुटान, राहुल और अखिलेश भी हुए शामिल
डीएमके के छात्र प्रकोष्ठ द्वारा आहूत विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि आरएसएस...
जब मैंने ठान लिया कि जहां अपमान मिले, वहां जाना ही नहीं है : बी.आर. विप्लवी
“किसी के यहां बच्चे की पैदाइश होती थी तो वहां नर्सिंग का काम हमारे घर की औरतें करती...
बहुजन वार्षिकी : सियासी मोर्चे पर दलित-ओबीसी के बीच रही आपाधापी
वर्ष 2024 बीतने को है। लोकसभा चुनाव से लेकर देश के कई राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों व...
साहित्य का आकलन लिखे के आधार पर हो, इसमें गतिरोध कहां है : कर्मेंदु शिशिर
‘लेखक के लिखे से आप उसकी जाति, धर्म या रंग-रूप तक जरूर जा सकते हैं। अगर धूर्ततापूर्ण लेखन...
नागरिकता मांगतीं पूर्वोत्तर के एक श्रमिक चंद्रमोहन की कविताएं
गांव से पलायन करनेवालों में ऊंची जातियों के लोग भी होते हैं, जो पढ़ने-लिखने और बेहतर आय अर्जन...
कुलदीप नैयर पत्रकारिता सम्मान-2023 से नवाजे गए उर्मिलेश ने उठाया मीडिया में दलित-बहुजनाें की भागीदारी नहीं होने का सवाल
उर्मिलेश ने कहा कि देश में पहले दलित राष्ट्रपति जब के.आर. नारायणन थे, उस समय एक दलित राजनीतिक...
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