author

Omprakash Kashyap

ब्राह्मणवादी वर्चस्ववाद के खिलाफ था तमिलनाडु में हिंदी विरोध
जस्टिस पार्टी और फिर पेरियार ने, वहां ब्राह्मणवाद की पूरी तरह घेरेबंदी कर दी थी। वस्तुत: राजभाषा और...
ब्राह्मण-ग्रंथों का अंत्यपरीक्षण (संदर्भ : श्रमणत्व और संन्यास, पहला भाग)
जब कर्मकांड ब्राह्मणों की आजीविका और पद-प्रतिष्ठा का माध्यम बन गए, तो प्रवृत्तिमूलक शाखा को भारत की प्रधान...
नेपथ्य के नायक : संघर्ष और समर्पण के 25 वृतांत
इस खंड की कुछ उपलब्धियां तो इतनी अनूठी हैं, जिससे इसे ऐतिहासिक दस्तावेज का दर्जा हासिल हो चुका...
Dalitbahujan have come a long way in politics
Over the last four or five decades, vicious attempts were made to paint Mulayam Singh Yadav, Mayawati, Lalu...
Bihar on the front line yet again
Bihar’s intellectuals and philosophers have always been for non-violence, humanity and socialism. Pick up any Purana, any epic,...
नई भूमिका में बिहार तैयार
ढाई हजार वर्ष पहले जब उत्तर भारत का बड़ा हिस्सा यज्ञ आधारित संस्कृति की गिरफ्त में आ चुका...
उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित महागठबंधन की राह पथरीली, लेकिन जीत की संभावनाएं भी
भाजपा और बसपा के वोट प्रतिशत को स्थिर इसलिए कहा जाना चाहिए क्योंकि दोनों पार्टियों का अपना कैडर...
अब युद्धबंदी नहीं हैं दलित-बहुजन (पहला भाग)
बीते चार-पांच दशकों में जो चालें मुलायम सिंह यादव, मायावती, लालू यादव, चौधरी चरण सिंह को खास जाति...
और आलेख