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Sanjukta Bharti
सावित्रीबाई फुले : पहली मुकम्मिल भारतीय स्त्री विमर्शकार
संयुक्ता भारती
स्त्रियों के लिए भारतीय समाज हमेशा सख्त रहा है। इसके जातिगत ताने-बाने ने स्त्रियों को दोहरे बंदिशों मे...
उत्तर भारत की महिलाओं के नजरिए से पेरियार का महत्व
संयुक्ता भारती
ई.वी. रामासामी के विचारों ने जिस गतिशील आंदोलन को जन्म दिया उसके उद्देश्य के मूल मे था –...
कबीर का इतिहासपरक निरपेक्ष मूल्यांकन करती किताब
संयुक्ता भारती
आमतौर पर हिंदी में कबीर के संबंध में उनके पदों का पाठ उनकी व्याख्या और कबीर के काव्य...
गेल ऑम्वेट, जिन्होंने इक्कीसवीं सदी में संजोया फुले का सपना
संयुक्ता भारती
गेल ऑम्वेट ने जिन मुद्दों को लेकर संघर्ष किया, उनमें वैकल्पिक जल नीति, समान जल वितरण, सूखा उन्मूलन,...
Dalitbahujans’ expectations of Draupadi Murmu
Sanjukta Bharti
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द्रौपदी मुर्मू से दलित-बहुजनों की उम्मीदें
संयुक्ता भारती
हमें यह याद रखना चाहिए कि भारतीय शासन व्यवस्था में राष्ट्रपति संवैधानिक प्रमुख होते हैं और उन्हें प्रथम...
Social justice and Jayaprakash Narayan’s socialism
Sanjukta Bharti
Jayaprakash Narayan believed that socialization of the means of production was the fountainhead of socialism and that it...
जयप्रकाश नारायण का समाजवाद बनाम सामाजिक न्याय
संयुक्ता भारती
हम यहां से अपनी बात शुरू कर सकते हैं कि जयप्रकाश की नजर में समाजवाद का मुख्य आधार...
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