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Satish Pawade
फुले-आंबेडकर की कला दृष्टि
सतीश पावड़े
फुले और आंबेडकर की कला-साहित्य दृष्टि भी इन्हीं चारों सूत्रों पर आधारित है। यही कारण रहा कि प्रचलित...
How Phule-Ambedkar saw art & literature
Satish Pawade
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Dalit Theatre and Ambedkar
Satish Pawade
Dalit Theatre is a kaleidoscope of Ambedkarite ideology that has maintained its elegance and charm with myriad colours,...
दलित रंगमंच और आंबेडकर
सतीश पावड़े
दलित रंगमंच आंबेडकरी विचारधारा का ‘कैलिडियोस्कोप’ है जो कई रंग-रूप-आकार के साथ अपना सौष्ठव बनाए रखता है। इसने...
Mahatma Phule – father of Indian social drama
सतीश पावड़े
In 1855, Mahatma Jotiba Phule wrote his play Tritiya Ratna (Third Gem), which is also called ‘Tritiya Netra’...
महात्मा फुले : भारतीय सामाजिक नाट्य परंपरा के पितामह
सतीश पावड़े
महात्मा जोतिबा फुले ने सन 1855 में अपने ‘तृतीय रत्न’ (जिसे ‘तृतीय नेत्र’ भी कहा जाता है) नाटक...