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Sanjeev Khudshah
सबसे पहले ऐसे तैयार हुई अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की सूची
संजीव खुदशाह
यह कहानी तब से शुरू हुई जब भारत में वर्ष 1872 में ब्रिटिश काल के दौरान जनगणना की...
त्यौहारों को लेकर असमंजस में क्यों रहते हैं नवबौद्ध?
संजीव खुदशाह
नवबौद्धों में असमंजस की एक वजह यह भी है कि बौद्ध धर्मावलंबी होने के बावजूद वे जातियों और...
छत्तीसगढ़ : इस कारण सतनामी समाज के लोगों का आक्रोश बढ़ा
संजीव खुदशाह
डिग्री प्रसाद चौहान कहते हैं कि जैतखाम को बिहार के तीन गरीब मजदूरों द्वारा आरी से काटे जाने...
कड़वा सच : ब्राह्मण वर्ग की सांस्कृतिक गुलामी में डूबता जा रहा बहुजन समाज
संजीव खुदशाह
सरल शब्दों में कहें तो सत्ताधारी ब्राह्मण वर्ग कहता है कि हमें कोट-पैंट छोड़कर धोती-कुर्ता पहनना चाहिए। वह...
पेरियार : काशी में अपमान से तमिलनाडु में आत्मसम्मान आंदोलन तक
संजीव खुदशाह
पेरियार कहते थे कि वंचितों को ठगने का काम मत करो, क्योंकि जो वैज्ञानिक विचारधारा है, जो विज्ञान...
समान नागरिक संहिता : दलित-बहुजनों से जुड़ी आशंकाएं
संजीव खुदशाह
अंदेशा यह भी लगाया जा रहा है कि इससे भारत की विविधतापूर्ण संस्कृति समाप्त हो जाएगी। इसका एक...
छत्तीसगढ़ : आदिवासी बच्चियों के साथ क्रूरता क्यों?
संजीव खुदशाह
अक्सर यह देखा जाता है कि आदिवासी और दलित बच्चों की सुविधा हेतु सरकार का प्रयास अक्सर जातिवादियों...
सम्मानित किये गये छत्तीसगढ़ी सिनेमा के जनक मनु नायक
संजीव खुदशाह
मनु नायक ने 1965 में छत्तीसगढ़ी में पहली फिल्म ‘कही देबे संदेश’ का निर्माण और निर्देशन किया था।...
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