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Vishad Kumar

झारखंड : केवाईसी की मकड़जाल में गरीब आदिवासी
हाल ही में प्राख्यात अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज के नेतृत्व में एक टीम ने झारखंड के आदिवासी इलाकों में...
झारखंड : पेयजल के लिए तरसते कोल्हान के आदिवासी
खनिज संपदाओं से समृद्ध झारखंड में सबसे बड़ी कोई समस्या है तो वह पेयजल का अभाव है। परंपरागत...
झारखंड : अब भी कुंआ पर अधिकार नहीं
अड़ाल नवाडीह गांव में लोहरा जनजाति की सदस्य सीमा देवी बताती है कि “गांव में हमसे बड़ी जाति...
पहचान खोता जा रहा खरसावां शहीद स्थल
स्वतंत्रता के बाद 1 जनवरी, 1948 को पुलिस द्वारा बड़ी संख्या में आदिवासियों की हत्या की स्मृति में...
No unanimity among Adivasis on women’s right to ancestral property
The Supreme Court, prima facie, was of the view that not granting the right of survivorship to an...
पैतृक संपत्ति में महिलाओं की हिस्सेदारी, आदिवासी एकमत नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यद्यपि हमारी प्रथम दृष्टया हमारी यह राय है कि पिता की संपत्ति...
आदिवासियों के संघर्षों का यादगार है नवंबर का महीना
नवंबर का महीना झारखंड के आदिवासियों के लिए यादगार महीना है। बिरसा मुंडा के जन्म से लेकर सीएनटी...
दुर्गा की प्रतिमा हमारे चंदे से, फिर हम अछूत कैसे? पूछ रहे हैं झारखंड के कोरवा जनजाति के सदस्य
झारखंड के गढ़वा जिले के सुदूर पाल्हे नामक गांव में कोरवा आदिम जनजाति के पांच युवकों के साथ...
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