‘लेखक के लिखे से आप उसकी जाति, धर्म या रंग-रूप तक जरूर जा सकते हैं। अगर धूर्ततापूर्ण लेखन होगा तो पकड़ में आ जायेगा। तुलसीदास का ब्राह्मणत्व आपने लेखन के आकलन से तो जाना। साहित्य...
गांव से पलायन करनेवालों में ऊंची जातियों के लोग भी होते हैं, जो पढ़ने-लिखने और बेहतर आय अर्जन करने लिए पलायन करते हैं। गांवों से पलायन करनेवाले दूसरे खेतिहर मजदूर होते हैं, जो कि अमूमन...
आंबेडकरवादी गजलों की पहचान व उनके मानक तय करने के लिए एक साल तक चलनेवाले नदलेस के इस विशेष आयोजन का आगाज तेजपाल सिंह ‘तेज’ के गजल संग्रह ‘कौन दिशा में उड़े चिरैया’ से किया...