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सम-सामयिकी

आंखन-देखी : 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में दिखे फुले से लेकर दाभोलकर तक के नाम, लेकिन सावरकर का नहीं
लता प्रतिभा मधुकर के मुताबिक, सावरकर के नाम पर मुख्य मंडप का नाम रखने का व्यापक विरोध महाराष्ट्र में किया गया। एक वजह तो यह हो सकती है। दूसरा यह कि इस बार की सम्मेलन...
बिहार : उच्च शिक्षा की बदहाली से दलित-बहुजन छात्रों का भविष्य अंधकारमय
बिहार जैसे पिछड़े राज्य जहां, एक बड़ी आबादी आज भी उच्च शिक्षा से वंचित है, वहां सरकारी शिक्षण संस्थानों का महत्व और बढ़ जाता है। लेकिन बिहार में सरकारी विश्वविद्यालयों की स्थिति जर्जर हो चुकी...
तेलंगाना : जाति सर्वेक्षण रपट के फलाफल के मायने
इस रपट में जो बात सबसे चौंकाने वाली है, वह है मुस्लिम ओबीसी की संख्या। किसी को यह अंदाज़ा नहीं था कि 12.56 प्रतिशत मुसलमानों में से केवल 2.48 प्रतिशत ही ओबीसी होने का दावा...
धार्मिक राष्ट्रवाद के बढ़ते खतरे का निहितार्थ
प्यू रिसर्च सेंटर के सर्वेक्षण के मुताबिक अलग-अलग देशों में धार्मिक राष्ट्रवाद का स्तर अलग-अलग तरीके से बढ़ रहा है। कुछ देशों में इसका उपयोग पारंपरिक धार्मिक पहचान को मजबूत करने के लिए किया जा...
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन : अब भी शांति, सुरक्षा और स्थिरता की उम्मीदें धुंधली
मणिपुर में कुकी जनजाति व मैतेई समुदाय के बीच अविश्वास की खाई काफी बढ़ गई है, जिसे केवल...
संवैधानिक आरक्षण पर आरएसएस का दोमुंहा फन
सदैव ही आरएसएस ने ब्राह्मण वर्चस्व को हिंदुत्व के आवरण में आगे बढ़ाया और दलित-पिछड़ों के लिए संविधान...
जानिए, महाकुंभ में भगदड़ के बाद गुम हुईं औरतों की पीड़ा
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बीते 29 जनवरी को मची भगदड़ में अनेक लोगों की जान गई। राज्य...
वजीरपुर के स्वाभिमान अपार्टमेंट्स और दिल्ली चुनाव
इन अपार्टमेंट्स के लिए आवंटन 2009 में किया गया, लेकिन इसके लिए टेंडर 2014 में निकाले गए और...
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