सवर्णों के जैसे ही अब दलित परिवारों में भी दहेज आदि का चलन बढ़ा है। इसके अलावा पितृसत्तात्मक समाज के जो अवगुण दलित साहित्य में दिखते हैं, वे सब अब इस समाज के लोगों में...
जब अलग-अलग पृष्ठभूमियों के दो लोगों में विवाह होता है तब उनके बीच मतविभिन्नता और मतभेद होने स्वाभाविक हैं। जरूरत इस बात की है कि हम एक दूसरे को समझने की कोशिश करें, बातचीत करें...