जिस दिन बहुजन समाज की प्रगति को थामे रखने के लिए बनाया गया नियंत्रित मुस्लिम-विरोधी हिंसा का बांध टूटेगा, उस दिन दुष्यंत दवे जैसे संवेदनशील ब्राह्मण अकेले विलाप नहीं करेंगे। पूरा ब्राह्मण-सवर्ण वर्ग – चाहे वह संवेदनशील हो या न हो – उनके साथ विलाप करेगा और उनके आंसू इस बांध में बाढ़ ला...